दिनांक:- 17 नवंबर 2022
समय:- रात 10:10 बजेप्रिय डायरी,
आज तुमसे पहली बार मिल रही हूँ। आशा करती हूँ कि यह मिलन स्नेह, सकारात्मकता और आनंद से भरपूर एक सुंदर अनुभव में परिवर्तित होगा और समय के साथ हमारी मित्रता और गहरी होती जाएगी।
डायरी के महत्व के विषय में बहुत पढ़ा और सुना था। हमारी मनोविज्ञान शिक्षिका हमें डायरी-लेखन के लिए प्रोत्साहन भी देतीं थीं, उनका कहना था कि डायरी लेखन स्वस्थ मानसिकता और आत्म-परिचय का सबसे सुंदर और सशक्त स्रोत बन सकता है और मनोविज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते हमें डायरी लेखन की आदत डालनी चाहिए परंतु तब मुझे इसके प्रति रुचि नहीं पनपी थी।
तब सोंचा कि रोज़-रोज़ क्या लिखूँगी? नित्य कुछ नया तो होता नहीं और फिर सारे दिन एक समान कहाँ होते हैं? कोई दिन इतना सुंदर बीतता है कि मन करता है उस दिन को सदा अपने पास कैद कर के रख लो और कोई दिन बुरा होता है जिसे पुनः स्मरण करने का मन नहीं करता और बाकी दिन इतने समरस कि उनके बारे में क्या लिखो, यह समझ में नहीं आता।
इस प्रश्न का उत्तर मुझे एक यूट्यूब वीडियो से मिला जिसे मेरी ही तरह एक कॉलेज छात्रा ने बनाया था। उसने एक "gratitude journal" या कृतज्ञता डायरी लिखने कि बात की। उसने कहा कि प्रत्येक दिन क्या-क्या हमारे साथ अच्छा हुआ (चाहे कितनी छोटी बात ही क्यों न हो) यह लिख कर या फिर किसी व्यक्ति जिसका हमारे जीवन में योगदान हो, उसे डायरी का एक पन्ना समर्पित करें। यह सुझाव मुझे बहुत अच्छा लगा और इसीलिये आज सबसे पहली कृतज्ञता मैं उस छात्रा के प्रति ही व्यक्त करती हूँ जिसने यह सुंदर सुझाव हम सब के साथ साझा किया।
कृतज्ञता के महत्व पर यदि कुछ बताया जाए तो वह सूर्य को दीप दिखाने जैसा होगा।
किसी ने सच ही कहा है "कृतज्ञता सभी सुखों और जीवन-मूल्यों की जननी है"। यदि हम सब अपने जीवन में मिले अच्छे - बुरे अनुभवों के लिए कृतज्ञ होना सीख जाएं तो हमारे पास असन्तोष व्यक्त करने का कोई कारण न बचे। हमारा मन प्रेम और सकारात्मकता से भरा रहेगा और अकारण क्रोध और द्वेष से भी हमारा मन मुक्त हो जायेगा। जिसका मतलब है रोज़ के कट -कट से छुट्टी।
यह समझने की क्षमता भी मुझ में अब आयी है कि एक समरस और सामान्य दिन एक बहुत ही शुभ दिन है और एक सामान्य दिन की सुंदरता को न देख पाना हमारी संकीर्ण बुद्धि का ही परिचायक है। हम एक-दूसरे से सहजता से कहते हैं, अपने आशीष गिनो(काउंट योर ब्लेसिंग्स) परन्तु ऐसा करने की आदत खुद को नहीं डाल पाते। कृतज्ञता डायरी जीवन के छोटे-छोटे सुखों को अनुभव करने का और उन पर ध्यान देने का एक सुंदर तरीका है।
वैसे तो डायरी व्यक्ति के सभी सुख-दुख की सच्ची साथी मानी जाती है पर मैं तुम्हारे साथ हर दिन का अच्छा अनुभव साझा करना चाहती हूँ। तुम मेरी सुखद स्मृतियों और सफल प्रार्थनाओं की पूंजी बनों और हर दिन तुम्हारे साथ बांटने के लिए मेरे पास शुभ और कृतज्ञता से भरे क्षण बढ़ते जाएं, ऐसी आशा करती हूँ।
इसी कामना के साथ आज तुमसे विदा लेती हूँ और हाँ शीघ्र तुम्हारा कोई अच्छा नाम भी सोंचना होगा ।
बाये-बाये , कल मिलती हूँ।
तुम्हारी अनंता
Shubhkaamnaayein dearest, dearest Ananta. Very beautiful writing and photos -- both reflect your inner beauty. My best wishes to you and your blessed diary. Be Blessed. Stay Blessed
ReplyDeleteमेरी प्यारी मम्मा , मेरी लेखन की प्रेरणा तुम ही हो । मेरे ब्लॉग का नाम भी तुम्हारी ही प्रेरणा से लिया गया । तुम्हारी पहली प्रतिक्रिया मेरे लिए सब से बड़ा आशीष है ।
Deleteडायरी व्यक्ति के सभी सुख-दुख की सच्ची साथी ही है
ReplyDeleteबस ईमानदारी कायम रखने सारे बिगड़े काम बना देती है
शुभकामनाएं
सादर
आदरणीया मैम , आपके आशीष से मेरी डायरी - लेखन का शुभारंभ हुआ , इस से शुभ और आनंदकर बात हो ही नहीं सकती । सादर चरण -स्पर्श आपको । आतीं रहिएगा ।
Deleteदिनांक का ए एम, पी एम ठीक कर लीजिए
ReplyDeleteअभी इस समय सुबह के ११.४७ हुए हैं
सादर
अभी करती हूँ । पुनः प्रणाम ।
DeleteNot only your wonderful writing but a great idea as well ❤️ Ananta , I should also follow this , it will not only improve my mood but my Hindi as well . Thank you baccha for making me reconnect to the language I love so much 💕
ReplyDeleteजीयो बेटा 💕
मेरी प्यारी आंटी , इतने दिनों बाद आपको अपने ब्लॉग पर देख कर आनंदित हूँ । अंकल का स्वास्थ्य-लाभ हम सब के लिए अत्यंत शुभ समाचार है । इतने दिनों आपकी बहुत याद आ रही थी , आप मेरी प्रिय पाठकों में से एक हैं । आपका आशीष अनमोल है ,आती रहिएगा ।
Delete"तुम मेरी सुखद स्मृतियों और सफल प्रार्थनाओं की पूंजी बनों और हर दिन तुम्हारे साथ बांटने के लिए मेरे पास शुभ और कृतज्ञता से भरे क्षण बढ़ते जाएं, ऐसी आशा करती हूँ।"
ReplyDeleteये भावना मेरे अंतर्मन को छु गई, बेटा। भगवान तुम्हारी हर शुभ सोच और संकल्प के सदेव साक्षी रहें । बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। माँ सरस्वती तुम्हारी लेखनी में सदा वास करें ।
मेरी प्यारी माँ , तुम्हारी बहुत ही प्यारी सी प्रतिक्रिया मेरे लिए अनमोल है । तुम मेरे हर कलात्मक कार्य की प्रेरणा और पीछे खड़ी आधार-स्तम्भ हो । तुम मेरी पहली श्रोता और पहली पाठिका हो जिसके सामने मेरी हर अभिव्यक्ति खुल कर होती है , चाहे मेरी कहानियाँ सुनने के लिए देर रात तक जगन हो या किचन में पूरे समय मेरी बक-बक सुनना, मेरे मन में आया हर विचार सब से पहले तुम्हें ही ज्ञात होता है। लव यू ।
Deleteप्रिय अनंता, तुम्हारे इस नये सद्भावना मंच पर पहुँच कर अपार गर्व और हर्ष का अनुभव कर रही हूँ।सबसे बड़ा मानवीय मूल्य है कृतज्ञता, जो सभी में पाया जाना चाहिए पर खेदजनक है कि बिरले लोगों में ही कृतज्ञता की भावना होती है।ईश्वर ने हमें शुक्रगुजार होने के लिए ढेरों चीजेँ दी पर हम केवल वही याद रखते हैं जो हमारे पास नहीं है।तुम्हारी सहेली को मेरा प्यार भरा आभार जिसने तुम्हें जीने का एक सकारात्मक नजरिया प्रदान किया। आकर्षण का नियम यही कहता है कि हम ब्रहमांड को जैसी ऊर्जा सौंपते हैं वैसी ही ऊर्जा वह हमारी चेतना को प्रदान करता है।सो हमारे उत्तम जीवन के लिए हमारी मानसिकता का स्वस्थ और सकारात्मक होना जरुरी है।डायरी हमारी सच्ची भावनाओं और सपनों के साथ हमारी अच्छी या कम अच्छी यादों को समेटे एक अभिन्न मित्र की भूमिका निभाती है। यदि इसमें हर शब्द आभार से भरा होगा तो जीवन की चेतना का स्तर सुधरेगा और मन ग्लानिमुक्त हो हल्का रहेगा।डायरी के पहले पन्ने पर ही आभार के माध्यम से तुम्हारे चिंतन के उत्तम स्तर का पता चलता है।निश्चित रूप से तुम्हारे जैसी कोमलमना के लिए सद्भावना सेबढ़कर कुछ नहीं।माँ सरस्वती की अनुकम्पा तुम्हारी लेखनी पर सदैव रहे।और मेरा आशीर्वाद तुम्हारे सर पर सदैव है।नये ब्लॉग के लिए ढेरों शुभकामनाएं और प्यार ह। यूँ ही सदैव अपने लेखन से यश अर्जित करती रहो।सस्नेह ♥️♥️
ReplyDeleteआदरणीया मैम, आपकी यह स्नेहिल आशीषभरी प्रतिक्रिया अमूल्य है। आपकी आशीष की छाया मुझ पर बनी रहे यही कामना है।आपकी यह प्रतिक्रिया मात्र प्रतिक्रिया नहीं, मेरे पूरे जीवन के लिए शिक्षा और शुभकामना है। अनेकों बार प्रणाम आपको।
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 20 नवम्बर 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुखद
ReplyDeleteशांति पाने का आसान तरीका
आप सफल रहें
आदरणीया मैम, आपके स्नेहिल आशीष एवं प्रोत्साहन के लिए आपका बहुत बहुत आभार। आती रहें, सादर प्रणाम।
Deleteप्रिय अनंता,
ReplyDeleteडायरी लेखन भी साहित्य की एक विधा मानी जाती है परंतु यह बात बहुत कम लोग जानते या मानते हैं। हम में से अधिकतर लोग उम्र के एक मोड़ पर डायरी लेखन की शुरुआत करते हैं पर उसे ईमानदारी और निरंतरता के साथ जीवनपर्यंत निभा नहीं पाते। अनेक गणमान्य लोगों की डायरियाँ पुस्तकों के रूप में प्रकाशित भी हुई हैं। आपका यह डायरी लेखन ब्लॉग जगत में कुछ सार्थक पठनीय सामग्री देगा, ऐसा मुझे लगता है। आशीष एवं स्नेह।
आदरणीया मैम, आपकी सुंदर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार। आपका आशीष पा कर मन आनंदित है। सादर प्रणाम।
Deleteएक सुझाव है, ब्लॉग का नाम और उसके नीचे जो भी कुछ लिखा गया है उसका रंग बदलकर गहरे रंग में लिखें,ताकि जल्दी से ध्यानाकर्षित हो।
ReplyDeleteआदरणीया मैम, आपके सुझाव पर अमल कर लिया । आपने इतना ध्यान दिया और मेरी सहायता की, इसके लिए पुनः आभार
Deleteडायरी लेखन वास्तव में स्वयं को जानने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, हार्दिक शुभकामनाएँ और बहुत बहुत बधाई इस सुंदर सृजन पथ पर कदम बढ़ाने के लिए।
ReplyDeleteआदरणीया मैम, आपका आशीष सदैव उत्साह बढाता है। हार्दिक आभार एवं सादर प्रणाम।
Deleteयह लेखन मुझे भी डायरी लिखने की प्रेरणा देता है । आपके कारण मुझे डायरी लिखने का महत्व पता चला है और बहुत उत्साह भी उत्पन्न हुआ है ! इसी तरह बहुत सारी अद्भुत रचनायें लिखिए और हमें मंमोहित करते रहिए !
ReplyDeleteनाम लिखना भूल गयी ! 😂
Deleteबहुत खूब !
ReplyDeleteसुंदर, नायाब अभिव्यक्ति प्रिय अनंता । डायरी लेखन के पहले ही दिन बहुत ही प्रेरक भाव... कृतज्ञता पर गहन दृष्टि डालता सुंदर आलेख । लिखती रहो और नित नवीन अनुभवों से हमें आनंदित और प्रेरित करती रहो, ये नया ब्लॉग साहित्य के क्षेत्र में उज्ज्वल स्थान स्थापित करे । बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई 💐💐❤️❤️
आदरणीया मैम, आपकी अपनत्व भरी सराहना सदैव मन में उत्साह भर देती है। आपके आशीष से मन आनंदित हो गया । देर से उत्तर देने के लिए क्षमा चाहती हूँ , परीक्षाओं के कारण ब्लॉग पर सक्रिय नहीं थी। आज परीक्षाएं समाप्त हुई तो आज आई हूँ ।
ReplyDelete